ग्रामीण विकास मंत्री से की सकारात्मक पहल की अपील
शमीम अहसन जागता झारखंड ब्यूरो गोड्डा: झारखंड सरकार की ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे सिंह से बुधवार को महागामा प्रखंड के खिरौंदी स्थित आवास पर मदरसा शिक्षकों ने मुलाकात की। इस अवसर पर शिक्षकों ने राज्य में मदरसा शिक्षा से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए और एक ज्ञापन सौंपते हुए अपनी मांगें मंत्री के समक्ष विस्तार से रखीं। शिक्षकों ने बैठक के दौरान आलिम और फाजिल डिग्रियों की वैधानिक मान्यता बनाए रखने की पुरज़ोर मांग की। साथ ही, माध्यमिक आचार्य की बहाली प्रक्रिया में इन डिग्रियों को मान्यता देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि उर्दू भाषा को परीक्षाओं में एक वैकल्पिक माध्यम के रूप में शामिल किया जाए, ताकि उर्दू भाषी छात्र-छात्राओं को समान अवसर प्राप्त हो सकें। एक अन्य प्रमुख मांग के रूप में शिक्षकों ने झारखंड राज्य में मदरसा बोर्ड के गठन की आवश्यकता को रेखांकित किया। उनका कहना था कि एक स्वतंत्र मदरसा बोर्ड राज्य में मदरसा शिक्षा को संगठित, सुदृढ़ और गुणवत्ता-संपन्न बना सकता है। बोर्ड के माध्यम से पाठ्यक्रम, शिक्षण व्यवस्था और प्रशासनिक ढांचे को अधिक प्रभावी रूप से संचालित किया जा सकेगा।मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने सभी मांगों और सुझावों को गंभीरता से सुना और शिक्षकों को आश्वस्त किया कि उनकी न्यायोचित मांगों पर सरकार गंभीरतापूर्वक विचार करेगी। उन्होंने कहा, शिक्षा सबके लिए समान और सुलभ होनी चाहिए। सरकार इस दिशा में हर संभव और आवश्यक कदम उठाएगी।
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