जागता झारखंड ब्यूरो चीफ गुमला : गुमला जिला कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष श्री चैतू उरांव जी के निर्देशानुसार जिला महासचिव फिरोज आलम के नेतृत्व में महात्मा गांधी जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर जयंती महात्मा गांधी पार्क गुमला मैं मनाई गई । फिरोज आलम ने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद गांधी जी ने तर्क दिया भारत लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए लड़े जा रहे युद्ध में भागीदार नहीं हो सकता। साथ ही भारत के लिए स्वतंत्रता वर्जित थी 8 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो संबोधन में उन्होंने लोगों से आह्वान किया उनके इस बयान से कुछ ही घंटे बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लगभग सभी शीर्ष नेताओं को बिना किसी आरोप के गिरफ्तार कर लिया गया।इसी समन्वय की कमी के बावजूद,देश भर में बड़े पैमाने पर रैलियां और विरोध प्रदर्शन हुए ।अंग्रेजों ने एक लाख से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया और सैकड़ों लोग मारे गए। हालांकि अंग्रेजों ने भारत छोड़ो आंदोलन अभियान को सफलतापूर्वक दबा दिया,लेकिन वे समझ गए कि अब भारत पर प्रभुत्व कायम करना संभव नहीं है।
गुमला नगर अध्यक्ष मोहम्मद खालिद ने कहा कि
असहयोग आंदोलन:- जालीवाला बाग हत्याकांड 13 अप्रैल 1919 को हुआ था,जब ब्रिटिश सेना ने जलियांवाला बाग के एक मात्र प्रवेश द्वार को बंद कर दिया और अहिंसक प्रदर्शनकारियों की एक सभा पर गोलीबारी शुरू कर दी,जिसमें लगभग 1000 लोग मारे गए। प्रतिक्रियास्वरूप,गांधी जी ने असहयोग आंदोलन शुरू किया।उन्होंने भारतीयों से ब्रिटिश निर्मित वस्तुओं का बहिष्कार करने,उनके शैक्षणिक संस्थानों और न्यायपालिका का बहिष्कार करने,सरकारी पदों से हटने और ब्रिटिश सम्मानों व पुरस्कारों को त्यागने का आग्रह किया और यह प्रभावी भी रहा।फरवरी 1922 में,पुलिस द्वारा तीन प्रदर्शनकरियों की हत्या के कारण,एक क्रोधित भारतीय भीड़ ने एक ब्रिटिश पुलिस मुख्यालय में आग लगा दी,जिसमें 22 लोग मारे गए। घटना के बाद,गांधीजी को डर था कि यह हिंसा में बदल सकता है,इसलिए उन्होंने मार्च रोक दिया।
विधि सेल के जिला अध्यक्ष खुर्शीद आलम ने कहा के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मुख्य उपलब्धियों में इनका "जय जवान, जय किसान "का प्रसिद्ध नारा,1965 के भारत- पाकिस्तान युद्ध में देश का सफल नेतृत्व,देश को खाद उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने वाली हरित क्रांति को बढ़ावा देना और एक सरल व ईमानदार नेता के रूप में राष्ट्रीय सम्मान पाना शामिल है। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भी सक्रिय भूमिका निभाई और रेल मंत्री जैसे कई महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए वे विकाश में योगदान दिया। मुख्य रूप से उपस्थित फिरोज आलम मोहम्मद खालिद बेलसाजर मिंज ,भैया राम उरांव खुर्शीद आलम इकरामुल हक लखन राम क्रिस्टीना टोप्पो मोहम्मद इनायत, कार्तिक उरांव, शिव उरांव, मोनिका टोप्पो ,अंकिता कुजूर आदि उपस्थित थे।
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