जागता झारखंड संवाददाता विक्की कुमार चैनपुर/गुमला चैनपुर : चैनपुर प्रखंड अंतर्गत सिल्फरी गांव में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र के मरम्मत कार्य में खराब गुणवत्ता की शिकायतें सामने आ रही हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कार्य में सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है, जिससे केंद्र में आने वाले बच्चों की सुरक्षा पर भी खतरा बढ़ सकता है।यह मरम्मत कार्य जिला परिषद की मदद से करीब 5 लाख 49 हजार 300 रुपये की लागत से किया जा रहा है, जिसमें केंद्र में शौचालय का निर्माण और पूरी इमारत की मरम्मत शामिल है। ग्रामीणों के अनुसार, कार्य की गुणवत्ता इतनी खराब है कि इसे "थूक में सत्तू सानने" जैसा बताया जा रहा है। निर्माण सामग्री और प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे काम की टिकाऊपन पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि यही स्थिति रही, तो कुछ ही दिनों में यह केंद्र फिर से पहले जैसी जर्जर हालत में लौट आएगा।हाल ही में, गुमला की उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने चैनपुर के तिलवारी पाठ का दौरा किया था।उनके जाते समय उन्होंने सिल्फरी आंगनबाड़ी केंद्र का भी निरीक्षण किया था और मरम्मत कार्य के लिए निर्देश दिए थे। उनके निर्देश के बाद काम शुरू तो हुआ, लेकिन संवेदक द्वारा किए जा रहे कार्य को देखकर लोग हैरान हैं। ग्रामीणों आरोप है कि पूरे काम को केवल लीपा-पोती कर पूरा किया जा रहा है, जिससे सरकारी पैसे का गलत इस्तेमाल हो रहा है। यदि निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया, तो यह बच्चों के लिए एक जोखिम भरा स्थान बन सकता है।यह मामला सरकारी परियोजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी को उजागर करता है।अब देखना यह है कि क्या प्रशासन इस मामले का संज्ञान लेता है और जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करता है, ताकि बच्चों को एक सुरक्षित और मजबूत केंद्र मिल सके।
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