फर्जीवाड़े का नया खेल: "आयुष मित्र" भर्ती अभियान के नाम पर ठगी, झारखंड के युवाओं से छलावा।

 




जागता झारखंड संवाददाता महेशपुर पाकुड़ : झारखंड में बेरोजगार युवाओं को नौकरी का झांसा देकर ठगी का नया खेल शुरू हो गया है। "आयुष मंत्रालय, भारत सरकार की योजना" का नाम लेकर "आयुष मित्र भर्ती अभियान" चलाया जा रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि हर पंचायत में सात-सात "आयुष मित्र" की बहाली की जाएगी।

पाकुड़ जिले के हिरणपुर निवासी अमृत ठाकुर और शमशाद इस पूरे खेल के सरगना बताए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार यह गिरोह युवाओं को सरकारी नौकरी जैसा सपना दिखाकर एक निजी संस्था चला रहा है, जबकि वास्तविकता में भारत सरकार की ओर से ऐसी कोई योजना जारी नहीं की गई है।

फर्जी फार्म और झूठे वादे

ऑनलाइन गूगल फॉर्म के जरिए युवाओं से आवेदन मंगाए जा रहे हैं। फार्म में लिखा है कि चयनित उम्मीदवारों को ₹12,000 मासिक मानदेय दिया जाएगा, वहीं सफल उम्मीदवारों में से किसी को "सुपरवाइज़र" बनाकर ₹16,000 मासिक मानदेय का लालच दिया गया है।

फॉर्म में दावा किया गया है कि चयनित "आयुष मित्र" का काम होगा—

घर-घर जाकर लोगों को आयुर्वेद और योग के महत्व के बारे में जागरूक करना।

बीमार व्यक्तियों को पहचानकर उन्हें आयुर्वेदिक दवा और योग की सलाह देना।

यही नहीं, फर्जीवाड़े को विश्वसनीय दिखाने के लिए यह भी लिखा गया है कि भर्ती पूरी तरह नि:शुल्क है और किसी से ₹1 भी नहीं लिया जाएगा।


महेशपुर के ब्लॉक कोर्डिनेटर को शक हुआ तो वे काम से निकाले गए


महेशपुर प्रखंड के आकाश यादव इस भर्ती अभियान में ब्लॉक कॉर्डिनेटर के रूप में काम कर रहे थे। उन्होंने जब अभियान की सच्चाई पर शक होने पर अपने जिला कॉर्डिनेटर अमृत ठाकुर से इस बाबत जानकारी मांगी, तो अमृत ठाकुर ने उन्हें जवाब देने के बजाय सीधे व्हाट्सएप ग्रुप से बाहर निकाल दिया।

आकाश यादव का कहना है कि यह कदम साबित करता है कि पूरा अभियान संदिग्ध और ठगी पर आधारित है।

ओडिशा की संस्था का नाम भी घसीटा गया

फॉर्म में इस भर्ती अभियान से जोड़ने के लिए पीपुल्स एसोसिएशन फॉर रूरल रिकंस्ट्रक्शन (PARR) का नाम भी लिखा गया है, जिसका कार्यालय ओडिशा के केंद्रपाड़ा में है।

आकाश यादव ने जब केंद्रपाड़ा स्थित कार्यालय के नंबर +91 70089 38847 पर फोन कर इस भर्ती की जानकारी मांगी, तो वहां से स्पष्ट शब्दों में कहा गया कि इस तरह की किसी भी भर्ती से संस्था का कोई लेना-देना नहीं है।

सूत्रों के अनुसार, इसका कॉल रिकॉर्ड भी साक्ष्य के रूप में मौजूद है।

जांच की मांग तेज

स्थानीय युवाओं और अभिभावकों का कहना है कि यह पूरा खेल बेरोजगारों की मजबूरी का फायदा उठाकर ठगी करने की साजिश है। इस मामले की जांच की मांग प्रशासन से की गई है।

प्रशासन सतर्क

पाकुड़ प्रशासन ने भी मामले को गंभीरता से लेने की बात कही है। अधिकारियों ने युवाओं से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध भर्ती अभियान या संस्था के बहकावे में न आएं और पहले उसकी सत्यता की जांच करें।

Post a Comment

और नया पुराने