संवाददाता शकील अहमद।भंडरा/लोहरदगा: झारखंड के गुमला और लोहरदगा जिले की सीमा पर स्थित भंडरा, भरनो, सिमान, तिलसिरी, और लोंगा पहाड़ में पिछले पाँच दिनों से 18 हाथियों के एक विशाल झुंड ने कोहराम मचा रखा था, जिससे पूरे क्षेत्र के ग्रामीणों में गहरी दहशत फैल गई थी। पाँच दिन तक गुमला में आतंक मचाया
हाथियों के झुंड ने सबसे पहले गुमला जिले के भरनो प्रखंड अंतर्गत सूपा, मलगो और मोरगांव में अपना डेरा जमाया हुआ था।
जनहानि: हाथियों के आतंक के कारण एक अधेड़ व्यक्ति की जान चली गई।
ग्रामीणों का संघर्ष: दहशत में जी रहे ग्रामीण रात भर जागकर हाथियों पर नजर रखते थे अपनी जान बचाने के लिए, उन्होंने गायों और भैंसों के चारे को जलाकर आग का इस्तेमाल किया, ताकि हाथी उनके पास न आ सकें।
विशेष टीम, ग्रामीण एवं हांथी व्हाट्सएप ग्रुप की मेहनत रंग लाई।
पाँचवें दिन, वन विभाग की स्पेशल टीम और स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से हाथियों को खदेड़ने का सफल प्रयास किया गया। इस प्रयास में लोहरदगा जिले के भंडरा प्रखंड के सक्रिय सदस्यों का अहम रोल रहा।
हाथी फैन व्हाट्सएप ग्रुप' की भूमिका सराहनीय रही।
मुख्य योगदान: लोहरदगा के भंडरा प्रखंड 'हाथी फैन ग्रुप' के एडमिन और पत्रकार शकील अहमद, समाजसेवी मंसूर अंसारी, और विष्णु एसटी ब्लॉग की विशेष मेहनत से हाथियों के झुंड को खदेड़कर सुरक्षित रूप से लोहरदगा की सीमा तक पहुँचाया जा सका।
हाथी फैन ग्रुप की अपील और वन विभाग से मांग।
इस अभियान के बाद, 'हाथी फैन व्हाट्सएप ग्रुप' के एडमिन और पत्रकार शकील अहमद ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की और ग्रामीणों से अपील की।
शकील अहमद ने कहा, "हाथियों का झुंड जिस मार्ग से आया है, वह उसी रूठ से वापस जाएगा, चाहे कितने भी लोग जोर लगा लें। यह उनका प्राकृतिक मार्ग है।उन्होंने क्षेत्र के ग्रामीणों से खास अपील करते हुए कहा है कि हाथी को किसी भी प्रकार से परेशान न करें, क्योंकि इससे उनकी प्रतिक्रिया और हिंसक हो सकती है। इसके साथ ही, उन्होंने वन विभाग से यह मांग की है कि हाथियों के आगमन वाले संभावित क्षेत्रों में ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए लाइट, मशाल (टॉर्च), और अन्य आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था की जाए, ताकि ग्रामीण सुरक्षित रह सकें।

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