लोहरदगा में अंधविश्वास की बलि: डायन बताकर परिवार के तीन सदस्यों की हत्या, तीन आरोपी गिरफ्तार
जागता झारखंड ब्यूरो चीफ मीर उबैद उल्लाह लोहरदगा
: लोहरदगा जिले के पेशरार थाना क्षेत्र के केकरांग बरटोली गांव में अंधविश्वास के चलते एक ही परिवार के तीन सदस्यों की निर्मम हत्या कर दी गई। पुलिस ने इस तिहरे हत्याकांड का खुलासा कर 48 घंटे के भीतर तीन आरोपितों—सुखनाथ नगेशिया (26), बिंदेश्वर नगेशिया (21) और संचरवा नगेशिया (19)—को गिरफ्तार किया। एसपी सादिक अनवर रिजवी ने बताया कि यह हत्या पूरी तरह अंधविश्वास का परिणाम है। आरोपितों को विश्वास था कि मृतका बिफनी नगेशिया झाड़-फूंक करती थी और उसी के कारण उनके परिवारों में बीमारी व गर्भपात की घटनाएं हुईं। इसी भ्रांति के चलते तीनों ने प्रतिशोध की भावना से 8 और 9 अक्टूबर की मध्यरात्रि पति-पत्नी लक्ष्मण व बिफनी नगेशिया और उनके 9 वर्षीय पुत्र रामविलास की हत्या कुदाल और पत्थरों से कर दी।घटना की सूचना मिलने के बाद एसडीपीओ वेदांत शंकर के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित की गई। फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वॉड की सहायता से साक्ष्य जुटाए गए। आरोपियों की निशानदेही पर खून से सनी कुदाल, पत्थर, कपड़े और एक मोटरसाइकिल बरामद की गई। बरामद हथियारों और कपड़ों के खून के नमूनों का डीएनए परीक्षण कराया जाएगा।एसपी रिजवी ने बताया कि यह हत्या किसी संपत्ति विवाद का परिणाम नहीं बल्कि अंधविश्वास और सामाजिक कुरीतियों की भयावह परिणति है। निर्दोष परिवार को “डायन” बताकर मौत के घाट उतारना समाज के लिए चेतावनी है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे ऐसे अंधविश्वासों से दूर रहें और अफवाहों पर विश्वास कर न्याय अपने हाथ में न लें।
न्यायिक हिरासत में भेजे गए आरोपी
मृतक परिवार की बहु सुखमनिया नगेशिया के बयान पर नौ अक्टूबर को पेशरार थाना में कांड संख्या 7/25 दर्ज की गई। इसमें बीएनएस की धारा 103(1) और 3(5) के तहत मामला पंजीकृत किया गया। गिरफ्तार तीनों आरोपितों को शनिवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इस सफलता में एसडीपीओ, थाना प्रभारियों, महिला थाना प्रभारी, फोरेंसिक टीम और सैट बल की संयुक्त भूमिका रही।
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