जिले भर के नदी, तालाबों छठ घाटों में उमड़ी श्रृद्धालुओं की भीड़
जागता झारखंड विशेष संवाददात मंसूर अंसारी लोहरदगा
: छठ महापर्व का मंगलवार को आखिरी दिन था। 4 दिन का ये महापर्व 25 अक्टूबर को नहाय खाय से शुरू हुआ था। मंगलवार को उगते सूरज को ऊषा अर्घ्य के साथ खत्म हो गया। इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास भी खत्म हो गया। लोहरदगा जिला के साथ पूरे प्रदेश में भी छठ महापर्व मनाया गया। ठंड बढ़ने के बावजूद महिलाएं पानी में खड़ी नजर आ रही हैं। वहीं जिला भर में कई घाटों पर छठ पूजा का आयोजन हुआ, जिनमें प्रमुख घाट सेरंगहातु तोड़ार कोयल नदी के किनारे बनाए गए हैं। छठ महापर्व को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी उत्साह था भंडरा, कैरो, कूड़ू, सेन्हा समेत जिला के सभी प्रखंडों में भी व्रतियों ने सोमवार को सूर्य को अर्घ्य दिया था। सभी जगहों में छठ पूजा का आयोजन धूमधाम से किया गया।
सेरंगहातु तोड़ार कोयल नदी छठ घाट में उमड़ी श्रृद्धालुओं की भीड़
जिला के सेन्हा प्रखंड क्षेत्र के सेरंगहातु तोड़ार कोयल नदी छठ घाट पर लोक आस्था के महापर्व तीसरे दिन सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के लिए श्रृद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा। नदी तट में भक्ति गीतों एवं दीपों की रोशनी से आलोकित हो उठे। व्रतधारियों ने परिवार की सुख समृद्धि और समाज की मंगलकामना के साथ डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में सजधज कर पूजा अर्चना की, वहीं पुरुषों और बच्चों ने श्रद्धा भाव से सहयोग किया। छठ महापर्व का चौथा और आखिरी दिन मंगलवार को धूमधाम से मनाया गया। जिला के तमाम घाटों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। सभी श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपने 36 घंटे के उपवास को खोला। इस दौरान आम खास सभी भगवान भास्कर की पूजा में मंत्रमुग्ध नजर आए। इसी के साथ जिला सहित पूरे प्रदेश में चार दिनों से मनाए जा रहे लोक आस्था के महापर्व छठ का समापन मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही हो गया। छठ पर्व पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया।
सुरक्षा व्यवस्था पर लगी रही जिला प्रशासन, एनडीआरफ और गोताखोर की तैनाती
घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे और प्रशासन ने व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए विशेष टीम तैनात की थी। पुलिस और जिला प्रशासन ने सुरक्षा और सफ़ाई की कड़ी व्यवस्था की थी ताकि श्रद्धालु निर्भय होकर पूजा अर्चना कर सके डेंजर जोन वाले सेरंगहातु तोड़ार कोयल नदी छठ घाट एवं कई नदी एवं तालाबों में एनडीआरफ और गोताखोर को तैनात किया गया था।
सेरंगहातु तोड़ार कोयल नदी छठ घाट साज सज्जा मनमोहक
सेरंगहातु तोड़ार कोयल नदी छठ घाट छठ पूजा समितियों के द्वारा श्रद्धालुओं के लिए बृहद स्तर पर सजाया गया था। स्थानीय पूजा समिति द्वारा यहां जगह जगह तोरण द्वार बनाया गया था साथ ही नदी के दोनों छोर एवं मुख्य सड़क में आकर्षक लाइटिंग की गई थी रंगबिरंगी रोशनी से छठ घाट क्षेत्र जगमगा रहा था जो देखने लायक थी।


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