जागता झारखंड ब्यूरो चीफ मनोज कुमार दिल्ली : दिल्ली के शाहदरा जिले में स्थित गुरु तेग बहादुर अस्पताल में 29 अक्टूबर को वर्ल्ड स्टॉक डे मनाया गया हर व्यक्ति को स्ट्रोक के लक्षण पहचानने की जानकारी होनी चाहिए
गुरु तेग बहादुर अस्पताल के न्यूरो इंटरवेंशनल सर्जन डॉ. गुरबचन सिंह ने कहा कि आज ब्रेन स्ट्रोक देश में बढ़ती स्वास्थ्य चुनौती बन गया है उन्होंने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक किसी को भी कभी भी हो सकता है लेकिन जानकारी ही सबसे बड़ा बचाव है
डॉ. गुरबचन सिंह के अनुसार, भारत में हर साल करीब 18 लाख लोग स्ट्रोक से प्रभावित होते हैं यदि मरीज को शुरुआती एक घंटे (गोल्डन ऑवर) में सही इलाज मिल जाए तो उसकी जान और मस्तिष्क दोनों सुरक्षित रह सकते हैं
अगर किसी व्यक्ति को अचानक बोलने में परेशानी हो शरीर का एक हिस्सा सुन्न पड़ जाए या चेहरा टेढ़ा दिखे तो यह ब्रेन स्ट्रोक का संकेत है ऐसे में देर न करें — तुरंत मरीज को अस्पताल पहुंचाएं सीनियर न्यूरो इंटरवेंशनल सर्जन, गुरु तेग बहादुर अस्पताल, ने जानकारी देते हुए बताया
ब्रेन स्ट्रोक क्या है
ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) को हिंदी में मस्तिष्क आघात कहा जाता है यह तब होता है जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त प्रवाह रुक जाता है या रक्त वाहिका फट जाती है जिससे मस्तिष्क को ऑक्सीजन नहीं मिलती और ब्रेन सेल्स कुछ ही मिनटों में मरने लगते हैं
यह एक मेडिकल इमरजेंसी है जिसमें समय पर इलाज सबसे अहम है
इस्कीमिक स्ट्रोक (Ischemic Stroke)
यह सबसे सामान्य प्रकार है (लगभग 80%)
रक्त प्रवाह रुकने या थक्का जमने से मस्तिष्क को ऑक्सीजन नहीं मिलती है
हेमरेजिक स्ट्रोक (Hemorrhagic Stroke)
इसमें रक्त वाहिका फट जाती है और खून मस्तिष्क ऊतकों में फैल जाता है
यह ज़्यादा गंभीर होता है और तत्काल इलाज आवश्यक है।
मिनी स्ट्रोक (TIA)
इसे वॉर्निंग स्ट्रोक भी कहा जाता है लक्षण कुछ घंटों में ठीक हो जाते हैं लेकिन यह बड़े स्ट्रोक का संकेत होता है
लक्षण पहचानने का आसान तरीका
“FAST” नियम
अक्षर अर्थ पहचान
F – Face चेहरा क्या चेहरा एक ओर झुक गया है
A – Arms हाथ क्या एक हाथ उठाने में परेशानी हो रही है
S – Speech बोलना क्या व्यक्ति साफ बोल नहीं पा रहा
T – Time समय तुरंत अस्पताल पहुँचें — हर मिनट कीमती है
अन्य लक्षण:
अचानक शरीर में सुन्नपन बोलने या देखने में कठिनाई, चक्कर, तेज सिरदर्द या बेहोशी
उच्च रक्तचाप (High BP)
मधुमेह (Diabetes)
कोलेस्ट्रॉल बढ़ना
धूम्रपान और शराब
मोटापा तनाव, नींद की कमी
असंतुलित आहार और निष्क्रिय जीवनशैली
गोल्डन ऑवर: पहले 4.5 घंटे
इस दौरान इस्कीमिक स्ट्रोक में थ्रोम्बोलिटिक दवा (tPA) दी जाती है, जो रक्त का थक्का घोलती है।
कई मामलों में थ्रोम्बेक्टोमी यानी ब्लॉकेज निकालने की सर्जरी भी होती है
हेमरेजिक स्ट्रोक में रक्तस्राव रोकने के लिए ब्लड प्रेशर नियंत्रण और सर्जरी की जाती है
ब्लड प्रेशर और शुगर की नियमित जांच करें
धूम्रपान, शराब से दूरी बनाएँ
संतुलित आहार व नियमित व्यायाम अपनाएँ
तनाव व नींद की कमी से बचें
समय-समय पर मेडिकल चेकअप कराएँ
स्ट्रोक से बचाव केवल डॉक्टरों की नहीं, समाज की भी जिम्मेदारी है। हमें स्कूलों, कार्यालयों और ग्रामीण इलाकों में जागरूकता फैलानी चाहिए।”
स्ट्रोक के बाद फिजियोथेरपी, स्पीच थेरपी और परिवार का सहयोग बहुत जरूरी होता है
धीरे-धीरे मरीज की बोलने, चलने और सोचने की क्षमता वापस आ सकती है
हर साल 18 लाख से अधिक मामले सामने आते हैं
करीब 30% मरीजों में विकलांगता या मृत्यु होती है
अब युवा वर्ग भी तेजी से प्रभावित हो रहा है
स्ट्रोक किसी को भी, कभी भी हो सकता है
लेकिन सही समय पर पहचान और इलाज ही असली जीवनरक्षक है
चेहरा टेढ़ा, बोलने में दिक्कत या हाथ सुन्न पड़े
समय न गँवाएँ, तुरंत अस्पताल जाएँ!
जागरूक रहें, जीवन बचाएँ कार्यक्रम में बताया कि स्टॉक रोकने के लिए खान-पान पर ध्यान देना बहुत जरूरी है स्टॉक से बचने के लिए फल सब्जियां साबुत अनाज बीस जैतून तेल ओट्स का सेवन जरूरी करना चाहिए जबकि मक्खन ज्यादा मात्रा में नमक शराब फुल फैट वाले डेरी प्रोडक्ट रेड मीट सोडा पैकेट सूप केक बिस्किट और रेडीमेड सोर्स के सेवन से बचना चाहिए गुरु तेग बहादुर अस्पताल के ब्रेन स्ट्रोक डे के दौरान क्वीन ग्लोबल इंटरनेशनल स्कूल और हंसराज स्मारक सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र-छात्राओं ने अपने हाथों से बने स्टॉक से बचाव संबंधित स्लोगन लेकर ज़ी टीवी अस्पताल के 2 किलोमीटर क्षेत्र में जाकर आसपास लोगों को जागरुक करते हुए पदयात्रा निकाली इसके बाद बेस्ट स्लोगन प्रतियोगिता के तहत उनको मोमेंटो सर्टिफिकेट व प्राइस देकर सम्मानित किया गया कार्यक्रम में मौजूद रहे ज़ी टी वी अस्पताल के डायरेक्टर डॉक्टर विनोद कुमार डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर प्रवीण कुमार सीमापुरी विधानसभा से आम आदमी पार्टी के विधायक वीर सिंह धिंगान पार्षद वीर सिंह पवार पार्षद रितेश सूजी पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह शंटी न्यूरो विभाग के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर अजय शर्मा सीनियर कंसलटेंट डॉ अभिनव बंसल रेडियोलोजी की अध्यक्ष डॉक्टर रुचि रेडियोलोजी के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर चंदन मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ कुलदीप सिंह सहित सभी गण मान्य मौजूद रहे डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर प्रवीण कुमार ने बताया की गुरु तेग बहादुर अस्पताल में जल्द ही ब्रेन स्टॉक से पीड़ित मरीजों के लिए अलग से एक आईसीयू वार्ड बनाने की तैयारी की जा रही है जिसमें ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को अस्पताल में आने के कुछ ही मिनट में सबसे अच्छा इलाज दिया जा सकेगा डॉक्टरों की टीम जो अलग से ब्रेन स्टॉक के मरीज को हर संभव टेस्ट कर मरीज की जान बचाने में कामयाब होगी जमुना पार के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में मरीज के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी



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