रखरखाव की कमी से देवाकी बाबा धाम, आदर और इटकीरी सहित कई स्थानों पर प्याऊ व लाइट सिस्टम बंद,ग्रामीणों ने त्वरित मरम्मत की मांग उठाई
जागता झारखंड संवाददाता बजरंग कुमार महतो घाघरा (गुमला) : गुमला जिले के घाघरा प्रखंड में हिंडालको कंपनी द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) मद के तहत जनता की सुविधा के लिए कई जनोपयोगी कार्य किए गए थे। इनमें प्रमुख रूप से श्रद्धालुओं और राहगीरों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से देवाकी बाबा धाम, आदर, इटकीरी व अन्य प्रमुख स्थलों पर प्याऊ का निर्माण कराया गया था। शुरूआती दिनों में इन प्याऊओं से लोगों को काफी राहत मिली थी, लेकिन अब रखरखाव के अभाव में ये पूरी तरह से बेकार हो चुके हैं।स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, पहले जहां गर्मी के दिनों में इन प्याऊओं से गुजरने वाले राहगीर ठंडा और स्वच्छ पानी प्राप्त करते थे, वहीं अब सभी स्थानों पर हैंडपंप सूख गए हैं या पानी गंदा हो गया है। कहीं पाइप टूटे हुए हैं तो कहीं मोटर खराब पड़ी है। इससे न केवल श्रद्धालु बल्कि स्थानीय निवासी भी पेयजल संकट का सामना कर रहे हैं। पिछले कई महीनों से ग्रामीण प्रशासन और कंपनी का ध्यान इस ओर आकर्षित कराने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब तक मरम्मत का कोई कदम नहीं उठाया गया है।ग्रामीणों का कहना है कि हिंडालको द्वारा सीएसआर के तहत शुरू में की गई पहल सराहनीय थी, जिसने लोगों की मूलभूत जरूरत को पूरा किया। लेकिन रखरखाव की जिम्मेदारी किसी को नहीं दिए जाने से स्थिति बिगड़ गई। अब यह आवश्यक है कि कंपनी और स्थानीय प्रशासन संयुक्त रूप से इन प्याऊओं की मरम्मत करवाकर पेयजल की सुविधा पुनः चालू करें।इसी तरह, हिंडालको सीएसआर मद से आदर दुर्गा मंदिर चौक, देवाकी बाबा धाम, गम्हरिया चौक सहित विभिन्न गांवों और चौक-चौराहों पर सोलर स्ट्रीट लाइटें भी लगाई गई थीं ताकि रात के समय लोगों को रोशनी मिले और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। परंतु वर्तमान में स्थिति उलट है — अधिकांश स्ट्रीट लाइटें खराब अवस्था में हैं। कई जगहों पर बल्ब फूटे हुए हैं, तो कहीं बैटरी या सोलर पैनल पूरी तरह निष्क्रिय हो गए हैं।रात के समय इन जगहों पर बहुत अंधकार रहता है, जिससे स्थानीय लोगों को सुरक्षा संबंधी असुविधा का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि इन लाइटों की समय-समय पर जांच और मेंटेनेंस की व्यवस्था होती, तो आज यह सुविधा सुचारू रूप से चालू रहती।ग्रामीणों ने हिंडालको प्रबंधन और घाघरा प्रखंड प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द प्याऊ और स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत कराकर इन्हें पुनः कार्यशील बनाया जाए, ताकि जनसुविधा के ये संसाधन अपने उद्देश्य को पूरा कर सकें। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र मरम्मत कार्य आरंभ नहीं किया गया, तो वे विरोध स्वरूप जन आंदोलन की राह भी अपना सकते हैं।
एक टिप्पणी भेजें