जागता झारखंड संवाददाता संतोष सिंह कैरो
:कैरो, उतका, सढाबे, टाटी, बकसी, एरादोन, खरत, हुदू, हनहट, गितीलगड़, चाल्हो, महुवारी, गजनी, नगजुवा, चारिमा, गराडी, गुडी, चिपो और अम्बवा समेत पूरे क्षेत्र में मंगलवार की रात कर्मा पूजा का आयोजन बड़े हर्षोल्लास से किया गया। ग्रामीण इलाकों में पारंपरिक गीत-नृत्य की गूंज देर रात तक सुनाई दी और गांव-गांव में पूजा पंडालों में महिलाओं और युवाओं की बड़ी भीड़ देखी गई। कहा जाता है कि भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए बहनें व्रत रखती हैं और कर्मा पर्व मनाती हैं। सुबह से व्रत रखने वाली महिलाओं ने शाम में कर्मा कथा सुनी और फल-फूल, पुवा, धुसका और अन्य पकवानों के साथ पूजा अर्चना की। कर्मा वृक्ष की टहनी को आंगन या पूजा स्थल पर स्थापित कर पूरे विधि-विधान से अर्पण किया गया। इसके बाद समूह में सामूहिक गीत गाए गए और लोकनृत्य से वातावरण उत्सवमय हो गया पूरे क्षेत्र में सामाजिक समरसता और भाईचारे का दृश्य साफ झलक रहा था। ग्रामीणों ने माना कि यह पर्व न केवल भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है, बल्कि प्रकृति और समाज से जुड़ाव की भावना को भी प्रगाढ़ करता है। उत्सव में शामिल लोगों ने मनोकामना की कि परिवार और गांव के हर सदस्य के जीवन में खुशहाली बनी रहे।
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