महुवारी गांव में जितिया जतरा: परंपरा, उत्साह और सामाजिक एकजुटता का अद्भुत संगम

जागता झारखंड कैरो संवाददाता संतोष कुमार सिंह


: महुवारी गांव में इस वर्ष भी जितिया जतरा पूरे हर्षोल्लास और परंपरागत रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुआ। गांव के पाहन पुजार सुशील ने धर्मनिष्ठा और आदिवासी परंपरा का पालन करते हुए मुर्गा की बलि अर्पित कर जतरा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर ग्रामीणों में अपार उत्साह देखने को मिला। आस-पास के कई गांवों जैसे कैरो, उल्टी, नागजुवा, टाटी, सिसई, गजनी और से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। खोढ़ह और अन्य इलाकों से आए धर्मसाय उरांव, घसिया उरांव, जातरु उरांव, बिरसा उरांव, सोमरा पुजार, सोमरा उरांव और बसंत उरांव समेत बंधना पाहन ने परंपरागत गान और अनुष्ठान को आगे बढ़ाया। यह आयोजन न केवल धार्मिक अनुष्ठान का प्रतीक रहा बल्कि सामाजिक एकजुटता और सांस्कृतिक गौरव का उत्सव भी बना।कार्यक्रम में आदिवासी कल्याण मंत्री के प्रतिनिधि चारों टोप्पो भी उपस्थित रहे, जिन्होंने इस अवसर पर लोगों को संबोधित किया और आदिवासी संस्कृति को संरक्षित रखने के महत्व पर बल दिया। सहयोगी धर्मवीर भगत ने भी आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पूरा आयोजन आदिवासी समाज की एकता, संस्कृति और परंपरा का अद्भुत संगम साबित हुआ।


Post a Comment

और नया पुराने