आए दिन पलट रहे हैं दोपहिया-तीनपहिया वाहन, प्रशासन मौन

 


महेशपुर–पाकुड़ मुख्य मार्ग पर ग्वालपाड़ा में सड़क हुआ जर्जर, हादसों का खतरा बढ़ा




आकाश यादव,जागता झारखंड संवाददाता,महेशपुर (पाकुड़)।


महेशपुर–पाकुड़ मुख्य मार्ग पर ग्वालपाड़ा के पास सड़क की हालत बेहद दयनीय हो गई है। सड़क अब कहीं से मार्ग कम और दलदल ज़्यादा लग रही है। जगह-जगह गहरे गड्ढे बन गए हैं, जिनमें बारिश का पानी भरकर छोटे तालाब का रूप ले चुका है। इस कारण दोपहिया और तीनपहिया वाहनों के पलटने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।


*हादसों का सिलसिला*


स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कुछ हफ़्तों में कई बार बाइक और ऑटो पलट चुके हैं। कई लोग चोटिल हुए, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि इस सड़क से गुज़रना अब रोज़ाना अपनी जान जोखिम में डालने जैसा है।


*ग्रामीणों की आवाज*


ग्वालपाड़ा निवासी मनोज यादव उर्फ गुड्डू कहते हैं, “सड़क पर पानी और कीचड़ इतना भर जाता है कि पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। छोटे बच्चे गिरकर घायल हो जाते हैं। प्रशासन से कई बार गुहार लगाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई।”

वहीं, स्थानीय किसान कारू यादव का कहना है, “हम लोग अपनी जरूरतों के लिए बाज़ार जाते हैं। लेकिन सड़क की हालत ऐसी है कि ट्रैक्टर और गाड़ी फंस जाती है। बरसात में यह सड़क पूरी तरह दलदल बन जाती है। अगर जल्द मरम्मत नहीं हुई तो किसी दिन बहूत बड़ी दुर्घटना घट सकता है।


युवक चंदन राय कहते हैं, “गांव के कई छात्र एवं छात्राएं इसी रास्ते से स्कूल और कॉलेज जाते हैं। आए दिन गड्ढों में बाइक फिसल जाती है। हम लोग डर के साए में यात्रा करने को मजबूर हैं।”

ग्रामीण लालजी यादव का कहना है, “गड्ढों से भरी सड़क पर अक्सर ऑटो पलट जाते हैं। कई लोग घायल हुए हैं।सड़क की इस दुर्दशा के लिए सड़क के दोनो तरफ नालियों का निर्माण न होना भी बहुत बड़ी वजह है, आखिर बड़ी दुर्घटना होने का इंतज़ार क्यों कर रहा है प्रशासन?”


वहीं, बुजुर्ग ग्रामीण बलिराम यादव दुख जताते हुए कहते हैं, “हमने अपने जीवन में कई बार सड़क खराब होते देखा, लेकिन आज तक इतनी बुरी हालत कभी नहीं हुई। ऐसा लगता है कि सरकार ने इस इलाके को पूरी तरह भगवान भरोसे छोड़ दिया है।”


*प्रशासन पर सवाल*


ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क निर्माण विभाग और प्रशासन को बार-बार शिकायत देने के बावजूद कोई पहल नहीं हो रही। यह मुख्य मार्ग महेशपुर और पाकुड़ को जोड़ता है, जिस पर रोज़ाना हज़ारों लोग सफर करते हैं। इसके बावजूद लापरवाही बरती जा रही है। ग्रामीणों की मांग

ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और सड़क विभाग से जल्द से जल्द इस सड़क की मरम्मत कराने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर समय रहते सुधार कार्य नहीं किया गया तो किसी बड़े हादसे की ज़िम्मेदारी पूरी तरह प्रशासन पर होगी।

ग्रामीणों का सवाल साफ है – “आखिर कब सुधरेगी यह जर्जर सड़क और कब मिलेगा सुरक्षित सफर का हक?”

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