जागता झारखंड संवाददाता नेमतुल्ला हजारीबाग : हजारीबाग में श्री गुरु तेग बहादुर जी की पालकी एवं अस्त्र-शस्त्र की जागृति यात्रा श्रद्धा, उल्लास और धूमधाम के साथ संपन्न हुई। शहर की सड़कों पर निकली इस यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। संगत ने पालकी साहिब और अस्त्र-शस्त्र का दर्शन कर स्वयं को धन्य महसूस किया। पूरे नगर का माहौल धार्मिक रंग में रंग गया और भाईचारे का अनूठा संदेश देखने को मिला। कार्यक्रम की सफलता पर श्री गुरु सिंह सभा हजारीबाग के अध्यक्ष परमवीर सिंह कालरा ने बाहर से आई संगत, स्थानीय श्रद्धालुओं, सभा पदाधिकारियों, सामाजिक संगठनों और मीडिया बंधुओं का आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस तरह का आयोजन समाज को जोड़ने और एकता का संदेश देने का कार्य करता है। इसी क्रम में मीडिया प्रभारी रोहित बजाज ने कहा कि इस जागृति यात्रा का उद्देश्य समाज में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के बलिदान और संदेश को जन-जन तक पहुँचाना था। बड़ी संख्या में संगत और समाज के लोगों की भागीदारी इस आयोजन की सफलता का प्रमाण है। उन्होंने विशेष रूप से मीडिया का धन्यवाद किया, जिन्होंने पूरे आयोजन की कवरेज कर सही संदेश समाज तक पहुँचाया। उन्होंने आगे कहा कि इस प्रकार के धार्मिक आयोजन आने वाली पीढ़ियों को अपने इतिहास और परंपराओं से जोड़ने का सशक्त माध्यम बनते हैं।
जागता झारखंड संवाददाता नेमतुल्ला हजारीबाग : हजारीबाग में श्री गुरु तेग बहादुर जी की पालकी एवं अस्त्र-शस्त्र की जागृति यात्रा श्रद्धा, उल्लास और धूमधाम के साथ संपन्न हुई। शहर की सड़कों पर निकली इस यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। संगत ने पालकी साहिब और अस्त्र-शस्त्र का दर्शन कर स्वयं को धन्य महसूस किया। पूरे नगर का माहौल धार्मिक रंग में रंग गया और भाईचारे का अनूठा संदेश देखने को मिला। कार्यक्रम की सफलता पर श्री गुरु सिंह सभा हजारीबाग के अध्यक्ष परमवीर सिंह कालरा ने बाहर से आई संगत, स्थानीय श्रद्धालुओं, सभा पदाधिकारियों, सामाजिक संगठनों और मीडिया बंधुओं का आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस तरह का आयोजन समाज को जोड़ने और एकता का संदेश देने का कार्य करता है। इसी क्रम में मीडिया प्रभारी रोहित बजाज ने कहा कि इस जागृति यात्रा का उद्देश्य समाज में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के बलिदान और संदेश को जन-जन तक पहुँचाना था। बड़ी संख्या में संगत और समाज के लोगों की भागीदारी इस आयोजन की सफलता का प्रमाण है। उन्होंने विशेष रूप से मीडिया का धन्यवाद किया, जिन्होंने पूरे आयोजन की कवरेज कर सही संदेश समाज तक पहुँचाया। उन्होंने आगे कहा कि इस प्रकार के धार्मिक आयोजन आने वाली पीढ़ियों को अपने इतिहास और परंपराओं से जोड़ने का सशक्त माध्यम बनते हैं।


एक टिप्पणी भेजें