जागता झारखंड संवाददाता नेमतुल्ला, हजारीबाग : झारखंड राज्य विधानसभा में पारित विश्वविद्यालय विधेयक-2025 के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) हजारीबाग इकाई ने बाबुगांव में आक्रोश यात्रा निकाली। परिषद ने आरोप लगाया कि यह विधेयक विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता और राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद के अधिकारों पर सीधा प्रहार है। विभाग संयोजक बाबूलाल मेहता ने कहा कि अभाविप झारखंड राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के गठन का स्वागत करती है, लेकिन कुलपति व प्रति कुलपति की नियुक्ति का अधिकार राज्यपाल से छीनना शिक्षा व्यवस्था के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले से ही JAC, JSSC और JPSC जैसी संस्थाओं को सफलतापूर्वक नहीं चला पा रही है। विभाग संगठन मंत्री विक्रम राठौर ने आरोप लगाया कि सरकार छात्र संघ चुनाव की जगह चयन प्रणाली थोपकर लोकतांत्रिक परंपरा का गला घोंटना चाह रही है। जिला संयोजक रुद्र राज ने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों को सरकार के अधीन करना संविधान की मूल भावना और न्यायिक स्वतंत्रता का अपमान है। नगर मंत्री साहिल सिंह ने कहा कि सरकार परिसरों से निकलने वाले छात्र नेतृत्व को दबाने की कोशिश कर रही है।
आक्रोश यात्रा में कई छात्र नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए।


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