पाकुड़ : स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 के तहत पाकुड़ जिले में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर जन-जागरूकता की एक नई पहल शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य जिले को स्वच्छ और स्वस्थ बनाना है। "एक प्लास्टिक का बोरा लाएगा नया सवेरा" इस अभियान का नारा बन चुका है। इस पहल के तहत जिला जल स्वच्छता समिति, पाकुड़ और पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल द्वारा हर गांव में जलसहिया दीदियों को घर-घर भेजा जा रहा है। वे ग्रामीणों से अपील कर रही हैं कि अपने घरों में एक प्लास्टिक का बोरा अलग से रखें, जिसमें दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले सिंगल यूज प्लास्टिक और पॉलिथीन को एकत्र किया जा सके। प्रायः देखा जाता है कि बाजार से लाई गई वस्तुओं के साथ सिंगल यूज प्लास्टिक घरों में कचरे के रूप में जमा होता जाता है। यह न केवल गंदगी फैलाता है बल्कि नालियों को जाम करता है, जलस्रोतों को दूषित करता है और आवारा पशुओं के लिए घातक साबित होता है। अभियान के तहत ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है कि प्लास्टिक को इधर-उधर न फेंके, न ही जलाएं, क्योंकि इससे पर्यावरण को अत्यधिक नुकसान होता है। विभाग द्वारा एकत्रित प्लास्टिक का उपयोग सड़क निर्माण और सीमेंट फैक्ट्रियों में ईंधन के रूप में किया जा रहा है।उपायुक्त मनीष कुमार के निर्देशानुसार जलसहिया दीदियों के साथ आंगनबाड़ी सेविका, स्वास्थ्य सहिया और स्वयं सहायता समूह की महिलाएं भी अभियान में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। इस पहल को ग्रामीणों का भी सहयोग मिल रहा है, जिससे यह प्रयास एक जन आंदोलन का रूप लेता जा रहा है।
प्लास्टिक के बोरे में बंद होगा गंदगी का रास्ता, खुलेगा स्वच्छता का दरवाज़ा
KISAN MEDIA
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