बेकार पड़े सरकारी भवनों से धन का दुरुपयोग, बच्चों का भविष्य अंधकारमय।
जागता झारखंड संवाददाता शकील अहमद : भंडरा/लोहरदगा। भंडरा प्रखंड में शिक्षा के उत्थान के लिए निर्मित मॉडल स्कूल अब केवल सजावटी ढाँचे बनकर रह गए हैं। नौ वर्ष बीत जाने के बाद भी इन विद्यालयों में पठन-पाठन शुरू नहीं हो पाया है, जिसके कारण ये भव्य इमारतें धूल फांक रही हैं और ग्रामीण बच्चों को मिलने वाली गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का सपना अधूरा ही है। करोड़ों रुपये की लागत से बने ये विद्यालय आज भी बच्चों की राह तक रहे हैं इन्हें अत्याधुनिक सुविधाओं और अनुभवी शिक्षकों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने के उद्देश्य से बनाया गया था, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता और अनदेखी के कारण ये उद्देश्य पूरे नहीं हो पा रहे हैं। नौ वर्षों से बेकार पड़े इन भवनों से न केवल सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है, बल्कि क्षेत्र के हजारों बच्चों का भविष्य भी अंधकारमय हो रहा है। इन विद्यालयों के शुरू न होने से ग्रामीण बच्चों को आज भी पुरानी और सीमित सुविधाओं वाले स्कूलों में पढ़ने को मजबूर होना पड़ रहा है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि जहां एक ओर देश में शिक्षा के अधिकार की बात की जाती है, वहीं दूसरी ओर ऐसे मॉडल स्कूल उपेक्षा का शिकार होकर अपनी सार्थकता खो रहे हैं। स्थानीय ग्रामीणों और शिक्षाविदों ने कई बार इस मुद्दे को उठाया है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। इन मॉडल स्कूलों को जल्द से जल्द क्रियाशील कर बच्चों के लिए खोलना अत्यंत आवश्यक है। इससे न केवल शिक्षा के स्तर में सुधार होगा, बल्कि सरकारी धन का सदुपयोग भी सुनिश्चित होगा।
भंडरा के मॉडल स्कूल: ग्रामीणों का सवाल, कब तक इंतजार।
जो शिक्षा की अलख जगाने और बच्चों के भविष्य को संवारने का इंतजार कर रहे हैं। ये मॉडल स्कूल अकाशी और खारुमाटु गांव के बीच नदी के पास, उदरंगी पावर हाउस के सामने, और गडरपो पंचायत के सेमरा और पलमी गांव के बीच स्थित हैं। ये विद्यालय ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा के प्रसार और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।
इन मॉडल स्कूलों के निर्माण से क्षेत्र के गरीब और वंचित बच्चों को बेहतर शिक्षा के अवसर प्राप्त होंगे, जिससे वे अपने सपनों को पूरा कर सकेंगे ये स्कूल आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं और इनमें अनुभवी शिक्षकों द्वारा पठन-पाठन कराया जाएगा। यहां बच्चों को न केवल किताबी ज्ञान मिलेगा, बल्कि उनका सर्वांगीण विकास भी होगा। यह एक स्वागत योग्य कदम है, जिससे भंडरा प्रखंड में शिक्षा का स्तर निश्चित रूप से सुधरेगा इन स्कूलों में जल्द से जल्द पढ़ाई शुरू होनी चाहिए ताकि बच्चे इनका लाभ उठा सकें।



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