जागता झारखंड संवाददाता सैयद रियाज अहमद भागलपुर बिहार
: भागलपुर कला, संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार तथा जिला प्रशासन, भागलपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित युवा अभिव्यक्ति कार्यशाला अंतर्गत महिला कलाकारों के लिए मंजूषा चित्रकला कार्यशाला, फोटोग्राफी कार्यशाला, मंच संचालन कार्यशाला तथा नाटक कार्यशाला का आयोजन विगत एक माह से आम्रपाली कला प्रशिक्षण केंद्र, भागलपुर में शृंखलाबद्ध तरीके से आयोजित की जा रही थी, जिसका सफलतापूर्वक समापन दिनांक को अंग सांस्कृतिक भवन, भागलपुर संग्रहालय, भागलपुर के प्रेक्षागृह में किया गया।
कार्यशाला के समापन कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन डॉ. नवल किशोर चौधरी जिलाधिकारी, भागलपुर, अंकित रंजन, जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी, भागलपुर तथा प्रख्यात शिक्षाविद राजीवकान्त मिश्रा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सह उद्घाटनकर्ता डॉ. नवल किशोर चौधरी, जिलाधिकारी भागलपुर ने अपने सम्बोधन में कहा कि यदि मनुष्य से उसका एमोशन्स हटा लिया जाए तो वह एक मानव नहीं रह जाता, मशीन कि तरह हो जाता है, उसी तरह यदि किसी मशीन में सोचने, समझने और अनुभव करने की क्षमता पल्लवित हो जाए तो वह एक मानव के समान बन जाता है और यह सोचने, समझने और अनुभव करने की क्षमता कला के विविध रूपों से विकसित होती है। जिला कला एवं संस्कृति कार्यालय का यह प्रयास जिले भर के कलाकारों को एकसाथ जोड़ने, प्रतिभा प्रदर्शित करने और खुद को अपने-अपने कला क्षेत्र में और विकसित करने का मौका दे रहा है, जो सराहनीय प्रयास है। जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी ने अपने स्वागत सम्बोधन में विगत एक माह से चल रहे युवा अभिव्यक्ति कार्यशाला का परिचय देते हुए कहा कि 25 जुलाई से 30 अगस्त तक इस कार्यशाला में 150 से अधिक युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है, जिसमें कुल 11 कला वरिष्ठ कलाकार और प्रशिक्षकों ने सहभागी युवाओं को अपने-अपने कला शैली से अवगत कराया। नवोदित युवा ऐसे गुरुओं के संपर्क में आने से उत्साहित भी हो रहे हैं और रचनात्मक क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा भी ले रहे हैं। मौके पर उपस्थित राजीवकान्त मिश्रा ने जिला प्रशासन और कला संस्कृति एवं युवा विभाग को धन्यवाद देते हुए कहा कि ये चारों कार्यशाला युवाओं के स्किल को बढ़ाने में मदद करेगी और इस तरह कि गतिविधियों से युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे । समापन समारोह के इस कार्यक्रम में विविध कार्यशालाओं के सहभागी प्रशिक्षुओं के कलात्मक अभिव्यक्ति भी विविध माध्यमों में प्रदर्शित की गई। महिला कलाकारों द्वारा चित्रित मंजूषा कला तथा युवा फोटोग्राफर्स द्वारा कार्यशाला में खींचे गए फोटोग्राफ की प्रदर्शनी भी लगाई गई। मंच संचालन कार्यशाला के सहभागियों ने समापन समारोह में मंच संचालन का कार्य किया और नाटक कार्यशाला के सहभागियों ने अपनी नाटक ‘चाय का हाता’ का मंचन भी किया। सभी प्रशिक्षकों को जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी द्वारा प्रशस्ति पत्र तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। साथ ही 150 से अधिक सहभागियों को सफल सहभागिता के लिए प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया।
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