जागता झारखंड संवाददाता शकील अहमद। भंडरा/लोहरदगा
: केंद्र सरकार की ओर से आदिवासी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए आदि कर्मयोगी अभियान की शुरुआत की गई है। इस विशेष अभियान के तहत देशभर में आदिवासी बहुल गांवों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है इसी कड़ी में लोहरदगा जिले के कुल 353 गांवों में से 205 गांवों का चयन किया गया है, जहां 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या आदिवासी समुदाय की है अभियान का उद्देश्य है कि गांव की योजनाएं अब सरकार या प्रशासन तय नहीं करेगा, बल्कि गांव के लोग स्वयं सामूहिक रूप से बैठकर निर्णय लेंगे ग्रामीण आपसी विचार विमर्श से यह तय करेंगे कि उनके गांव में क्या आवश्यक है चाहे वह सड़क, बिजली, पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य या रोजगार से जुड़ी योजनाएं हों। इस प्रक्रिया से गांव का विकास उनकी जरूरत और प्राथमिकता के अनुसार सुनिश्चित होगा ग्रामीणों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक गांव से दो आदि साथी और एक आदि सहयोगी का चयन किया गया है। ये लोग गांव और प्रशासन के बीच सेतु का कार्य करेंगे साथ ही, गांव में योजनाओं के संचालन और जानकारी उपलब्ध कराने के लिए आदि सहायता केंद्र भी खोले गए हैं। इसी क्रम में भंडरा प्रखंड के उदरंगी पंचायत अंतर्गत भैसमुंदो और अंबेरा गांव में अभियान का विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। यहां पर ग्राम भ्रमण करते हुए ग्रामीणों के साथ बैठक की गई और विकास योजनाओं पर चर्चा हुई। इस अवसर पर एलईओ वीणा कुमारी, ग्राम पंचायत के मुखिया परमेश्वर महली, पंचायत सचिव आलोक, पंचायत समिति सदस्य अनिता पन्ना, ग्राम प्रधान सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। बैठक में ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और गांव की समस्याओं को सामने रखा। ग्रामीणों ने बिजली, सड़क, स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा व्यवस्था, स्वच्छ पेयजल, कृषि को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन जैसे मुद्दों पर सुझाव दिए। सामूहिक रूप से निर्णय लिया गया कि गांव के विकास की दिशा अब ग्रामीणों की राय और जरूरतों पर आधारित होगी ग्रामीणों ने कहा कि यह अभियान आदिवासी बहुल गांवों के विकास को नई दिशा देगा। योजनाओं की पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहेगी क्योंकि अब ग्रामीण स्वयं इसकी निगरानी करेंगे। इससे न केवल गांव की बुनियादी समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि समाज में आत्मनिर्भरता और जागरूकता भी बढ़ेगी।
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