बचन कुमार पाठक,सहायक संपादक सह वरिष्ठ पत्रकार :। जेनरेशन जेड जो एक पीढ़ी का अनौपचारिक नाम है। यह शब्द उन लोगों को कहा जाता है जिनका जन्म वर्ष 1997 से 2012 के बीच हुआ है । इसे जेनरेशन जेड के रूप में जाना जाता है। इसे नेटिव भी कहा जाता है क्योंकि इनका शुरुवात ही इंटरनेट स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के साथ बीता है। वर्ष 2025 में उनकी उम्र लगभग 13 से 28 वर्ष के बीच होती है। जेनरेशन जेड की परिभाषा किसी विशिष्ट संगठन द्वारा आधिकारिक रूप से निर्धारित नहीं की गई है। यह परिभाषा मुख्य रूप से विभिन्न शोध संस्थानों व बाजार अनुसंधान कंपनियों और सामाजिक विज्ञान शोधकर्ता के द्वारा की गई है।उदाहरण के लिए कई स्रोतों और रिपोर्टर्स में जेनरेशन जेड कि आई सीमा और विशेषताएं परिभाषित की गई है। लेकिन कोई एकला संगठन इसका आधिकारिक निर्धारण नहीं करता है। संक्षेप में कहा जा सकता है जनरेशन जेड की परिभाषा व्यापक अनुसंधान और सामूहिक रूप से बनी है ना की एकल संगठन की तरफ से। यह मुख्य रूप से शोध और डेटा संग्रह करने वाली संस्थाएं हैं। इसमें शामिल है प्यू शोध केंद्र ने जेनरेशन जेड कि शुरुवात वर्ष 1997 को माना और अंत वर्ष के लिए 2012 का सुझाव दिया है। इसकी परिभाषा सामाजिक आर्थिक और तकनीकी परिवर्तनों को ध्यान में रखकर निर्धारित की गई है। यूएस सेंसर ब्यूरो 2022 में जेनरेशन जेड की उम्र सीमा 1997 से 2013 तक माना है। जो सबसे युवा वयस्कों वाली पीढ़ी है।स्टैटिसटिक्स कनाडा इसने भी 1997 से 2012 तक की सीमा बताई है जो प्यू रिसर्च सेंटर रिपोर्टों पर आधारित है। ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी और मैरियन वेबस्टार डिक्शनरी इन संस्थाओं ने भी जेनरेशन जेड की परिभाषा में लगभग इसी उम्र सीमा को दर्शाया है। ब्रेसफोर्ड रिसर्च संस्थान ने भी 1997 से 1912 तक की जन्म सीमा को स्वीकार किया है और भी कई संस्थानों ने जेनरेशन जेड की जन्मवर्ष सीमा और उसकी परिभाषा के लिए व्यापक विश्वनीय स्रोत माना गया है। इसलिए जेनरेशन जेड की आयु सीमा और उसकी परिभाषा तय करने में मुख्य रूप से पीयू रिसर्च सेंटर, यू एस ब्यूरो स्टैटिसटिक्स, कनाडा ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी, मैरियन वेबस्टार, ब्रेस्फोर्ड रिसर्च और एन साइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका जैसी प्रमुख संस्थाओं की भी इसी तरह का अर्थ और परिभाषा दिया हैं। जेनरेशन जेड का महत्व कई कारणों से है। यह पीढ़ी समाज तकनीक और आर्थिक दशा पर गहरा प्रभाव डाल रही है। यह वह पहली पीढ़ी है,जिसका बचपन इंटरनेट स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के साथ हुआ है इस वजह से वे तकनीक में महारत रखते हैं, और डिजिटल दुनिया में सहजता से काम करते हैं। यह उनके व्यवहार सोच और समाज में योगदान को तकनीकी रूप से मजबूत बनाता है। जेनरेशन जेड विश्व के करीब 30% वर्क फोर्स का हिस्सा बन चुका है। वही अपनी नई सोच आदतों व आर्थिक व्यवहार से समाज और अन्य व्यवस्था दोनों पर प्रभाव डाल रही है। यह वित्तीय स्थिरता और कमाई के लिए बचत और साइड हसल को अपनाते हैं। जो बाजार और रोजगार की दुनिया को बदल रही है। जेनरेशन जेड सूचना के प्रति गंभीर और आलोचनात्मक होते हैं वह विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी लेते हैं और सामाजिक मुद्दों में सक्रिय हैं।मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता के लिए उनके बढ़ते कदम प्रभाव को भी महत्व दिया जाता है। यह सोशल गतिविधि से जुड़े हैं जो उनके जीवन शैली विचारों और संवाद को बदल देती है। सोशल मीडिया के प्रति सजग ता से वह सामाजिक आंदोलन में भी सक्रिय होते हैं जैसा नेपाल जैसे देशों में देखा गया है डिटेल जो की पहली सच्ची डिजिटल मूल पीढ़ी है जो सामाजिक तकनीकी और आर्थिक क्षेत्र में नई ऊर्जा और दृष्टिकोण लेकर आई है वे तकनीक के माध्यम से दुनिया को बदलने नई अर्थव्यवस्था बनने सामाजिक सुधारो को आगे बढ़ाने और स्थाई भविष्य निर्माण में इस जेनरेशन का अहम भूमिका हो रही है इस प्रकार यह जनरेशन का महत्व सिर्फ उनकी संख्या में नहीं बल्कि उनकी सोच व्यवहार और बदलाव लाने की क्षमता में निहित है। जेनरेशन जेड सोशल मीडिया से गहराई से जुड़े हैं जिससे उनकी सामाजिक भागीदारी और जागरूकता बड़ी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से वे सामाजिक मुद्दों को सक्रिय रूप से उठाते हैं लेकिन इससे मानसिक स्वास्थ्य अकेलापन तनाव और साइबर बुलिंग जैसे नकारात्मक प्रभाव भी सामने आते हैं। यह सामाजिक मुद्दों के लिए जनरेशन जेड के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और यह सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।नेपाल देश में मीडिया बेन के विरोध में इस पीढ़ी के जेनरेशन के प्रदर्शन ने सामाजिक और असंतोष और युवाओं की आवाज का प्रतिनिधित्व किया। जिसने व्यापक सामाजिक आंदोलन और राजनीतिक संकट को जन्म दिया। इस पीढ़ी के जेनरेशन की राजनीतिक भागीदारी तेजी से बढ़ रही है वह सामाजिक न्याय सरकारी पारदर्शिता भ्रष्टाचार और बदलाव के लिए सक्रिय हैं।वह एक नई राजनीतिक सक्रियता का परिचय देते हैं जो परंपरागत राजनीतिक व्यवहार से अलग है। नेपाल में जेनरेशन जेड के आंदोलन ने राजनीतिक अस्थिरता पैदा की और प्रधानमंत्री सहित कई उच्च राजनीतिक पदाधिकारी के इस्तीफा का कारण बना। इसका प्रभाव न केवल नेपाल की राजनीति पर बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता पर दिखा। इस प्रकार हम कह सकते हैं की जेनरेशन जेड सिर्फ एक तकनीकी या सांस्कृतिक पीढ़ी नहीं है बल्कि वह सामाजिक और राजनीतिक बदलाव के सक्रिय वाहक हैं। जो अपनी नई सोच और आंदोलन के जरिए समाज और राजनीति दोनों को प्रभावित कर रहे हैं। उनका प्रभाव वैश्विक और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर स्पष्ट देखने को मिल रहा है। इस जेनरेशन के राजनीतिक आंदोलन के वर्तमान उदाहरण और उनके नतीजे मुख्यत नेपाल में देखने को मिले हैं जो एक बड़े स्तर पर प्रभावशाली और गंभीर राजनीतिक बदलाव लाए हैं। नेपाल में इस पीढ़ी का जेनरेशन का आंदोलन का बुनियाद में यही रहा हैं। सोशल मीडिया एप्स पर प्रतिबंध के विरोध से शुरू हुआ यह आंदोलन भ्रष्टाचार और असमानता और अवसरों की कमी जैसी व्यापक समस्याओं को लेकर उमर कर सामने आया। इस आंदोलन में 14 युवाओं की मृत्यु हुई और सैकड़ो घायल हुए जिसने देश में व्यापक राजनीति के उथल-पुथल मचा दी। आलम यह हुआ प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली समेत उनके कैबिनेट के अधिकांश मंत्रियों ने इस्तीफा दिया नेपाल की सेना ने देश की कमान संभाली और युवा प्रदर्शनकारियों से बातचीत की पहल की। आंदोलनकारियो ने संसद राष्ट्रपति भवन कई मंत्रियों के घरों समेत कई सरकारी और निजी संपत्तियों को क्षति पहुंचाई। भाई भतीजावाद सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग और राजनीतिक नेतृत्व की अक्षमता के खिलाफ जनता की नाराजगी उमरी। प्रदर्शनकारियों ने व्यवस्था में जड़ से बदलाव की मांग की और अपने प्रभाव से तत्कालीन सरकार को गिरा दिया । इस आंदोलन ने नेपाल की राजनीति के व्यवस्था को अस्थिर कर दिया। साथ ही भारत और चीन जैसे पड़ोसी देशों की राजनीतिक रुचि और प्रभाव की भी चर्चा बढ़ा दी। परिणामत: तत्कालीन प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल का इस्तीफा देश की राजनीतिक प्रणाली में उलट फेर अस्थिरता का दौर आया। सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध हटा लिया गया। हालांकि आंदोलन में हुई हत्या और हिंसा की भरपाई नहीं हो सकी यह आंदोलन युवा शक्ति की राजनीतिक और सामाजिक चेतना का प्रतीक बन गया। जिसने देश की राजनीतिक दिशा को प्रभावित किया और सुधार की मांग को बढ़ावा दिया। इस प्रकार जेनरेशन जेड को राजनीतिक आंदोलन ने नेपाल में राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह से बदल दिया और युवा वर्ग की भागीदारी तथा उनकी मांगों को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई यह आंदोलन लोकतंत्र और सामाजिक न्याय के लिए युवाओं की सक्रिय भूमिका को दर्शाता है। भारत में जेनरेशन जेड की आबादी करीब 25 करोड़ है जो देश की सबसे बड़ी युवा जनसंख्या है उनकी तकनीकी दक्षता सामाजिक जागरुकता और उधमाशीलता की भावना उन्हें राजनीतिक रूप से सक्रिय बनती है। 2014 और 2019 के चुनाव में युवा मतदाताओं की भागीदारी बड़ी। जिसका सकारात्मक प्रभाव राजनीतिक परिदृश्य पर पड़ा। युवा वर्ग ने अपनी राजनीति के पसंदो से भाजपा को समर्थन दिया ,साथ ही डिजिटल और सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी राजनीतिक आवाज को भी मजबूत किया है।यह जेनरेशन राजनीति को नए नजरिया से देखते हैं। वह सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं। राजनीतिक मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाते हैं और राजनीतिक सुधारो की मांग करते रहते हैं ,लगभग 64% जेनरेशन जेड का मानना है की राजनीति में सुधार की आवश्यकता है। आर्थिक सुरक्षा,नौकरी की संतुष्टि,पर्यावरण संरक्षण और समानता जैसे मुद्दों पर जेनरेशन जेड के लिए महत्वपूर्ण है। वे राजनीतिक सामाजिक न्याय की उम्मीद करते हैं। हालांकि कुछ हिस्से में राजनीति में और रुचि भी है फिर भी 51% युवा इसमें रुचि दिखाते हैं जो यह दर्शाता है कि वह बदलाव के लिए सजग हैं। यह जेनरेशन भारत के राजनीति में एक नई ऊर्जा और सोच लेकर आ रही है उनकी डिजिटल सक्रियता सामाजिक जागरुकता और बदलाव की आशा भविष्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावना रखती है। यह न केवल चुनाव में दिखता है बल्कि वे सामाजिक और आर्थिक नीतियों में सुधार में भी मुखर होकर भाग ले रहे हैं।
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