ए बाबू घर देऊ, गाछ के नीचे रहिला डर लागेला ।

भंडरा प्रखंड अंतर्गत बेदाल टंगरा टोली निवासी आदिवासी दंपति आवास योजना से महरूम, जी रहे खौफ भरी जिंदगी।


जागता झारखंड संवाददाता शकील अहमद : भंडरा/लोहरदगा
। भारत देश आनेकानेक सफलताएं प्राप्त कर पूरी दुनिया में अपनी कामयाबी का लोहा मनवाने का सराहनीय कार्य कर दिखाया है यहां पर अब भारत देश मॉडल भारत के मुकाम तक पहुंच चुकी है। लेकिन इस बदलते और मॉडल भारत में आज भी कुछ आदिवासी व पिछड़े वर्ग परिवार के लोग केंद्र और राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के लाभ प्राप्ति से कोसो दूर हैं इन्हें केंद्र सरकार द्वारा सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अबुआ आवास योजना के सिर्फ कागजों में आवास दिखाई देता है। हकीकत में परिणाम से पर है बात कर रहे हैं झारखंड के लोहरदगा जिला अंतर्गत भंडरा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत मसमानो पंचायत छेत्र के ग्राम बेदाल टंगरा टोली की जहां पर निवास करने वाले आदिवासी दंपति को सरकारी बाबुओं की अनदेखी की वजह से विगत दस दिनों से पेड़ के नीचे ,या कहीं स्कूल घर के बरामदा में खौफ और डर के साथ पूनम उरांव अपने विकलांग लाचार पति सुखदेव उरांव दो बेटी गीता उरांव, रीता उरांव, दो बेटे सुले उरांव और सुनील उरांव आज भी इस मॉडल भारत में पेड़ के साए या किसी सरकारी भवन के बरामदा में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। इस आदिवासी दंपति का कहना है कि चहुंओर आवास योजना का लाभ सरकार दे रही है लेकिन हमें आजतक आवास से महरूम रखा गया है। उन्होंने कहा यदि सरकार आवास योजना का लाभ देती तो सर छुपाने की चिंता से मुक्ति मिलती और खुशी-खुशी सब परिवार जीवन व्यतीत कर पाते।

होटल में मजदूरी कर करते थे जीवन यापन ।

सुखदेव उरांव और पत्नी पूनम उरांव ने अपने लरजते होंठों से कहा पुंदाग के किसी होटल में कामकर अपना बच्चों का पेट भरते थे लेकिन होटल के मालिक से पैसा मांगने पर होटल से निकाल दिए जिसके बाद भटक कर अपने गांव पहुंचे लेकिन बरसात के इस मौसम में महीने भर से लगातार हो रही बारिश से घर गिर गया है। इन दंपति का कहना है कोई कागजात नहीं होने से सरकारी लाभ से वंचित है। बहरहाल विगत दस दिनों से पेड़ के साए में जीवन व्यतीत कर रहे आदिवासी दंपति को आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाना बड़े सवालों को जन्म दे डाला है।

जागता झारखंड के प्रतिनिधि ने दूरभाष पर बीडीओ से किया संपर्क ।

वहीं इस लाचार, बेघर बेबस परिवार के मामले को लेकर जागता झारखंड के प्रतिनिधि शकील अहमद एवं मंसूर अंसारी ने प्रखंड विकास पदाधिकारी से दूरभाष पर संपर्क किया तो उन्होंने तत्काल राशन एवं अन्य जरूरत के समान मुहैय्या कराया एवं पीड़ित परिवार को जल्द राशन कार्ड एवं अन्य योजना से जोड़ने की भी बात कही, बीडीओ के आदेशानुसार जांच पड़ताल के लिए जब पंचायत सचिव अजय कुमार पीड़ित के ग्राम बेदाल टंगरा टोली पहुंच मामले की जानकारी लिया तो उनके घर वालों के द्वारा बताया गया कि सुखदेव उरांव बहुत कोई से पैसा उधार लिया हुआ है और जिनसे जिनसे उधार लिया ओह लोग अपना पैसा वापस मांगने आते है जिस कारण सुखदेव उरांव अपने घर में नहीं रहता।

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