जागता झारखंड दुमका ब्यूरो।विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर झारखंड क्रांति सेना ने दुमका के सिद्धू-कान्हू मुर्मू चौक पर श्रद्धांजलि स्वरूप माल्यार्पण किया, जहां संगठन के सदस्यों ने प्रदेश व देश के आदिवासी अधिकारों व मुद्दों को लेकर जोरदार नारे लगाए।कार्यक्रम में संगठन के महासचिव निखिल मुर्मू ने झारखंड जननायक दिवंगत शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग भारत सरकार से रखी। उन्होंने देश में आदिवासियों की धार्मिक पहचान, उनके अधिकारों, अलग धर्म कोड लागू करने और सिद्धू-कान्हू मुर्मू को प्रथम स्वतंत्रता सेनानी घोषित करने की अपील की। इसके साथ ही राज्य सरकार से संथाली भाषा को झारखंड की प्रथम राजभाषा घोषित करने की भी मांग की गई।कार्यक्रम में पेसा एक्ट, सीएनटी-एसपीटी एक्ट के सख्त पालन, स्थानीय नीति की लागू करने सहित गंभीर आदिवासी मुद्दों पर चर्चा हुई। महासचिव ने कहा कि झारखंड के आदिवासियों के लिए विस्थापन, घटती जनसंख्या, धार्मिक-सांस्कृतिक पहचान, और अधिकारों की सुरक्षा बड़े सवाल हैं, जिनकी विधानसभा से संसद तक आवाज बुलंद होनी चाहिए।मौके पर सीमांत हांसदा, प्रेम हांसदा, राजू हांसदा, लव किशोर टुडु, अमर मरांडी, फ्रांसिस मुर्मू, अमित मुर्मू, अंकित सोरेन, रविराज मरांडी, बाल किशोर टुडु, सुरेश कुमार, सनी सहित संगठन के सदस्य उपस्थित थे।विश्व आदिवासी दिवस का यह आयोजन झारखंड की आदिवासी अस्मिता, अधिकारों और सांस्कृतिक पहचान के प्रति जागरूकता साधना का मंच बना रहा, जिसमें सामूहिक तौर पर विविध मांगें उठाई गईं।
झारखंड क्रांति सेना ने दुमका के सिद्धू-कान्हू मुर्मू चौक पर श्रद्धांजलि स्वरूप माल्यार्पण
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