"झारखंड में बिरसा फसल बीमा योजना फेल? किसान बोले – हमें मिला धोखा"

 बिरसा फसल बीमा योजना से किसानों को राहत की उम्मीद, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है



पाकुड़ – सरकार द्वारा किसानों की आर्थिक सुरक्षा के लिए चलाई जा रही 'बिरसा फसल बीमा योजना' का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से फसल को हुए नुकसान की भरपाई करना है। योजना के तहत झारखंड के लाखों किसानों ने आवेदन किया है, लेकिन कई किसानों का आरोप है कि उन्हें अब तक बीमा का लाभ नहीं मिला है।

पाकुड़ जिले के हिरणपुर प्रखंड निवासी किसान रामेश्वर हांसदा ने बताया कि उन्होंने पिछले 3 वर्षों से लगातार बीमा करवाया, लेकिन सूखा और ओलावृष्टि से फसल बर्बाद होने के बावजूद कोई मुआवजा नहीं मिला। यही हाल दुमका, गोड्डा और साहिबगंज जिलों के किसानों का भी है।

योजना का उद्देश्य:

बिरसा फसल बीमा योजना का मकसद किसानों को प्राकृतिक आपदा, कीट हमले, सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि जैसी समस्याओं से फसल को होने वाले नुकसान के एवज में बीमा सहायता देना है। इसमें धान, मक्का, गेंहू, दालें और सब्जियों को शामिल किया गया है।

बीमा राशि और आवेदन प्रक्रिया:

  • किसानों को नामांकन के लिए CSC केंद्र या सहायक कृषि पदाधिकारी कार्यालय में आवेदन देना होता है।

  • इसके लिए आधार कार्ड, जमीन संबंधित दस्तावेज, बैंक पासबुक और फसल विवरण जरूरी है।

  • बीमा प्रीमियम का 2% किसान देता है, शेष राज्य सरकार वहन करती है।

किसानों की शिकायतें:


  • बीमा क्लेम फॉर्म भरने के बाद महीनों तक कोई फॉलोअप नहीं होता।

  • कुछ जगहों पर सर्वे ही नहीं होता, जिससे क्लेम रिजेक्ट हो जाता है।

  • कई किसानों का नाम पोर्टल पर ही दर्ज नहीं होता।

प्रशासनिक पक्ष:

जिला कृषि पदाधिकारी श्री अमरनाथ झा ने बताया कि,

"हम लगातार किसानों को योजना से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ तकनीकी समस्याओं और सर्वे में देरी के कारण शिकायतें आई हैं, लेकिन सभी क्लेम की जांच करके जल्द समाधान किया जाएगा।"

किसानों की मांग:

  • बीमा क्लेम में पारदर्शिता लाई जाए

  • हर पंचायत स्तर पर कृषि मित्र की नियुक्ति हो

  • ऑनलाइन पोर्टल में किसानों की जानकारी अपडेट रहे

  • मुआवजा राशि सीधे खाते में शीघ्र ट्रांसफर हो




निष्कर्ष:
बिरसा फसल बीमा योजना झारखंड सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, लेकिन इसका लाभ तभी मिल पाएगा जब निचले स्तर पर व्यवस्था दुरुस्त हो और किसानों की शिकायतों का त्वरित समाधान हो। वरना यह योजना भी सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाएगी।

Post a Comment

और नया पुराने